Wednesday

एक सुबह - हिप हिप हुर्रे

रोज़ तेरे जीने के लिये
एक सुबह मुझे मिल जाती है
मुरझाती कोई शाम अगर
तो रात कोई खिल जाती है
मैं रोज़ सुबह तक आता हूँ
और रोज़ शुरू करत हूँ सफ़र
हाथ बढ़ा अए ज़िंदगी,
आँख मिलाकर बात कर

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