किताबो से कभी गुजरो
तो यूँ किरदार मिलते हैं,
गए वक्तो की ड्योढि पर
खड़े कुछ यार मिलते हैं,
जिसे हम दिल का वीराना
समझकर छोड़ आये थे
वहाँ उजड़े हुए शहरों के
कुछ आसार मिलते हैं
Wednesday
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Why I consider Gulzar as my favourite poet/lyricist because I feel that I am living his lyrics.
किताबो से कभी गुजरो
ReplyDeleteतो यूँ किरदार मिलते हैं,
गए वक्तो की ड्योढि पर
खड़े कुछ यार मिलते हैं,
जिसे हम दिल का वीराना
समझकर छोड़ आये थे
वहाँ उजड़े हुए शहरों के
कुछ आसार मिलते हैं
Harek shabd,harek pankti asardaar hai! Wah!
जिसे हम दिल का वीराना
ReplyDeleteसमझकर छोड़ आये थे
वहाँ उजड़े हुए शहरों के
कुछ आसार मिलते हैं
kya baat hai!