Wednesday
क़िरदार
तो यूँ किरदार मिलते हैं,
गए वक्तो की ड्योढि पर
खड़े कुछ यार मिलते हैं,
जिसे हम दिल का वीराना
समझकर छोड़ आये थे
वहाँ उजड़े हुए शहरों के
कुछ आसार मिलते हैं
छई छप्पा छई - हु तू तू
रेत पे ये सोने की मोहरे न छोडना
सारा दिन लेटे लेटे सोचेगा समंदर
आते जाते लोगो से पूछेगा समंदर
साहब रुकिए ज़रा
अरे देखी है तुमने
आती हुई लहरों पे जाती हुई लड़की
अजनबी शहर - जानेमन
बात है ये एक रात की
आप बदलो पे लेटे थे
वो याद है आपने बुलाया था
सर्दी लग रही थी आपको
पतली चांदनी लपेटे थे
और शाल में ख़्वाब के सुलाया था
ये सायें है - सितारा
कई चाँद उठकर जलाए बुझाए
बहुत हमने चाहा ज़रा नींद आए
यहाँ रात होती है बेज़ारियों की
तुझसे नाराज नहीं - मासूम
जीने के लिये सोचा ही न था, दर्द सम्भालने होंगे
मुस्कुराऊँ तो, मुस्कुराने के कर्ज़ उठाने होंगे
मुस्कुराऊँ कभी तो लगता है
जैसे होंठों पे कर्ज़ रखा है
राह पे रहते है - नमकीन
उड़ते पैरों के तले जब बहती हैं ज़मीन
मुड़के हमने कोई मंज़िल देखी ही नहीं
रात दिन राहों पे हम शामो सहर करते हैं
ऐसे उजाड़े आशियाँ में तिनके उड़ गये
बस्तियों तक आते आते रास्ते मुड़ गये
हम ठहर जायें जहाँ उसको शहर कहते हैं
जल गये जो धूप में तो साया हो गये
आसमाँ का कोई कोना ले थोड़ा सो गये
जो गुज़र जाती है बस उसपे गुज़र करते हैं
पर्वतो पे - ब्लू umbrella
चंदा का जंतर देके
रातों से माँगा तुझको
अब मेरे अँगना में रहियो
कीकर की सूखी-सूखी डारी जलाइके
राखो कोसे लिहाफ़ों में रहियो
ओ रे बेलिया लौटियो घराँ रे
कतरा कतरा - इजाज़त
तुमने तो आकाश बिछाया
मेरे नंगे पैरों में ज़मीन है
देखे तो तुम्हारी आरज़ू है
शायद ऐसे ज़िन्दगी हसीन है
आरज़ू में बहने दो
खामोश सा - लिबास
दिल्ल की बात न पूछ,
दिल तो आता रहेगा
दिल बहकाता रहा है,
दिल बहकाता रहेगा
दिल को हम ने कुछ समझाया होता
सहमे से रहते हैं,
जब ये दिन ढलता है
एक दिया बुझता है,
एक दिया जल्ता है
तुम ने कोई तो दीप जलाया होता
एक सुबह - हिप हिप हुर्रे
रोज़ तेरे जीने के लिये
एक सुबह मुझे मिल जाती है
मुरझाती कोई शाम अगर
तो रात कोई खिल जाती है
मैं रोज़ सुबह तक आता हूँ
और रोज़ शुरू करत हूँ सफ़र
हाथ बढ़ा अए ज़िंदगी,
आँख मिलाकर बात कर
दो नैना - मासूम
एक ख़त्म हो तो दूसरी रात आ जाती है
होंठों पे फिर भूली हुई बात आ जाती है
दो नैनों की है ये कहानी
थोड़ा सा बादल थोड़ा सा पानी और एक कहानी
Tuesday
कश लगा - No Smoking
जाता हूँ बार-बार घूम-घूम के
मिलते नहीं वो निशाँ
छोड़े थे दहलीज़ चूम-चूम के
चौपाये चर जाएँगे
जंगल की क्यारियाँ हैं
पगडंडियों पे मिलना
दो दिन की यारियाँ हैं
क्या जाने कौन जाए
आरी से बारी आए
हम भी क़तार में हैं
जब भी सवारी आए